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14...बेताल पच्चीसी....चोर क्यों रोया
चोर क्यों रोया और फिर क्यों हँसते-हँसते मर गया?” अयोध्या नगरी में वीरकेतु नाम का राजा राज करता था। उसके राज्य में रत्नदत्त नाम का एक सा...
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1903-1981 तुम अपनी हो, जग अपना है किसका किस पर अधिकार प्रिये फिर दुविधा का क्या काम यहाँ इस पार या कि उस पार प्रिये । ...
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चोर क्यों रोया और फिर क्यों हँसते-हँसते मर गया?” अयोध्या नगरी में वीरकेतु नाम का राजा राज करता था। उसके राज्य में रत्नदत्त नाम का एक सा...
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खामोश जुबाँ खामोश नजर खामोश बसर खामोश ! खामोशी के मंजर का हर पल है खामोश ! चाँद - चाँदनी मौन साधक से शबनम भी बहती ...
सुन्दर।
जवाब देंहटाएंBahut achha likha hai.
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना।
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