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शुक्रवार, 17 अगस्त 2018

'मौत से ठन गई'... ..अटल बिहारी वाजपेयी

'मौत से ठन गई'... 
ठन गई! 
मौत से ठन गई! 

जूझने का मेरा इरादा न था, 
मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था, 

रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई, 
यूं लगा जिंदगी से बड़ी हो गई.


मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, 
जिंदगी सिलसिला, आज कल की नहीं. 

मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, 
लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं?

तू दबे पांव, चोरी-छिपे से न आ, 
सामने वार कर फिर मुझे आजमा.
मौत से बेखबर, जिंदगी का सफ़र, 
शाम हर सुरमई, रात बंसी का स्वर. 

बात ऐसी नहीं कि कोई ग़म ही नहीं, 
दर्द अपने-पराए कुछ कम भी नहीं। 

प्यार इतना परायों से मुझको मिला, 
न अपनों से बाक़ी हैं कोई गिला. 

हर चुनौती से दो हाथ मैंने किए, 
आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए. 

आज झकझोरता तेज़ तूफ़ान है, 
नाव भंवरों की बांहों में मेहमान है. 

पार पाने का क़ायम मगर हौसला, 
देख तेवर तूफ़ां का, तेवरी तन गई.
- भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी , भार
पूर्व प्रधानमंत्री 

बुधवार, 1 अगस्त 2018

कभी नही भुला सकते ए माहज़बीन

आज मीना कुमारी जी की पिच्चासवीं जयन्ती
उनको शत-शत नमन

'तुम क्या करोगे सुनकर मुझसे मेरी कहानी,
बे लुत्फ जिंदगी के किस्से हैं फीके-फीके'

एक छोटा सा ज़िक्र फिर एक गीत

बॉलीवुड की मशहूर अदाकारा मीना कुमारी की आज 85वीं जयंती मनाई जा रही है. वह फिल्मी दुनिया में मीना कुमारी के नाम से पहचान बना चुकीं थी, लेकिन उनका असली नाम महजबीन बेगम था. उनका जन्म 1 अगस्त 1932 को हुआ था. हिन्दी सिनेमा के पर्दे पर दिखी अब तक की सबसे दमदार अभिनेत्रियों में मीना कुमारी का नाम भी आता है. अपने 30 साल के पूरे फिल्मी सफर में मीना कुमारी ने 90 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. उनकी फिल्मों को आज क्लासिक की श्रेणी में रखा जाता है और कई फिल्मों को तो आज भी उनके प्रशंसक श्रद्धाभाव से देखते हैं. मीना कुमारी को दुखियारी महिला के किरदार काफी करने को मिले, उन्हें फिल्मों में रोते हुए देखकर उनके प्रशंसकों की आंखों में भी आंसू निकल आते थे. शायद यही कारण था कि मीना कुमारी को हिन्दी सिनेमा जगत की 'ट्रेजडी क्वीन' के नाम से पहचाना जाने लगा.

उनकी व्यक्तिगत जिंदगी में भी दुख कम नहीं थे और जन्म से लेकर मृत्यु तक उन्होंने हर पल गमों का सामना किया. इसलिए उनपर 'ट्रेजडी क्वीन' का यह टैग बिल्कुल सही भी लगता था. उनके दुखों को उनकी ये पंक्तियां बखूबी बयां करती हैं.

अब बस आज आप दिन भर पढ़ेंगे...
चलते-चलते ये गीत सुनिए

14...बेताल पच्चीसी....चोर क्यों रोया

चोर क्यों रोया और फिर क्यों हँसते-हँसते मर गया?” अयोध्या नगरी में वीरकेतु नाम का राजा राज करता था। उसके राज्य में रत्नदत्त नाम का एक सा...