कौन आएगा, यहां कोई न आया होगा
मेरा दरवाज़ा हवाओं ने हिलाया होगा
दिल-ए-नादाँ न धड़क ऐ दिल-ए-नादाँ न धड़क
कोई खत ले के पड़ोसी के घर आया होगा
दिल की क़िस्मत ही में लिखा था अँधेरा शायद
वरना मस्जिद का दिया किसने बुझाया होगा
गुल से लिपटी हुई तितली को गिरा कर देखो
आँधियो, तुमने दरख्तों को गिराया होगा
खेलने के लिए बच्चे निकल आये होंगे
चाँद अब उसकी गली में उतर आया होगा
'कैफ' परदेस में मत याद करो अपना मकाँ
अब के बारिश ने उसे तोड़ गिराया होगा
- कैफ भोपाली