फ़ॉलोअर
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
14...बेताल पच्चीसी....चोर क्यों रोया
चोर क्यों रोया और फिर क्यों हँसते-हँसते मर गया?” अयोध्या नगरी में वीरकेतु नाम का राजा राज करता था। उसके राज्य में रत्नदत्त नाम का एक सा...
-
1903-1981 तुम अपनी हो, जग अपना है किसका किस पर अधिकार प्रिये फिर दुविधा का क्या काम यहाँ इस पार या कि उस पार प्रिये । ...
-
कहीं तेज़ तर्रार ज़िंदगी। कहीं फूल का हार ज़िंदगी॥ कहीं बर्फ़ -सी ठंडक रखे। कहीं सुर्ख़ अंगार ज़िंदगी॥ कहीं माथे क...
-
चोर क्यों रोया और फिर क्यों हँसते-हँसते मर गया?” अयोध्या नगरी में वीरकेतु नाम का राजा राज करता था। उसके राज्य में रत्नदत्त नाम का एक सा...
सुन्दर
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (22-01-2018) को "आरती उतार लो, आ गया बसन्त है" (चर्चा अंक-2856) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
बसन्तपंचमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
राधा तिवारी
बहुत ही बढ़िया।
जवाब देंहटाएं