मन के रंग
रंग देता जन को
हाइकु भूमि |
उड़ते पंछी
सवारते जीवन
स्मृति के पन्ने |
अमूल्य देह
मत फेंको वक्त पे
जीवन डालो |
बात बात को
ठुकराना नहीं तू
शब्द बाण से |
खिलौना नहीं
और से मत तौलो
बड़ी है ज्यान |
चंचल बच्चें
रंग भरता हमें
रूठी पल में |
दुखों के आँशु
सवारता जिंदगी
शक्ति बना लो |
प्यार की डोरें
बांधता जन्म-जन्म
रिश्तें हमारा |
डूबता रहा
पहचाने आप को
झील हाइकु |
जीनें सहारा
मुश्किलों से सामना
ये हुई बात |
जगाते रहो
उम्मीदों को दीप पे
फूलों के वर्षा |
काठमण्डू
नेपाल
नेपाल
दिनांक 26/12/2017 को...
जवाब देंहटाएंआप की रचना का लिंक होगा...
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी इस चर्चा में सादर आमंत्रित हैं...
वाह ... लाजवाब हाइकू हैं सभी ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर....
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