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मंगलवार, 21 नवंबर 2017

ढोल के अंदर पोल.....पूनम श्रीवास्तव

आज के जमाने की 
कितनी बड़ी विडम्बना
है ये कि
एक कुत्ते को खरीदने 
में पांच हजार रुपये खर्च कर 
सकता है 
इंसान और
उसे खिलाने में लगभग पांच
हजार खर्च कर
सकता है और अपनी
गाड़ी में बैठा कर 
घूमाता भी है
जिससे की उसका
स्टेटस बढ़ता है
पर एक गरीब के बच्चे
को दो वक़्त की रोटी
खिलाने में 
या पेट भरने में उसका 
पैसा तथा स्टेटस दोनों ही
कम हो जाते हैं।
है ना 
कितनी अजीब बात 
और ऊपर से
ये भी कहना की हमें इन गरीब
बच्चों के लिए 
कुछ तो करना चाहिए 
ढोल के अंदर पोल ।

-पूनम श्रीवास्तव

4 टिप्‍पणियां:

  1. सही कहा आपने ढोल की पोल है सब कुछ जो चल रहा है आंखें मूंद अनदेखी वाली बात है।
    समय परक लेख सीधा सरल सत्य।

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह!!सुंदर । सही कहा आपनेंपूनम जी ,यहाँ कथनी और करनी में बहुत फर्क है ....

    जवाब देंहटाएं

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