कुछ तो दुनिया की इनायात ने दिल तोड़ दिया
और कुछ तल्ख़ी-ए-हालात ने दिल तोड़ दिया
हम तो समझे थे के बरसात में बरसेगी शराब
आई बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया
दिल तो रोता रहे ओर आँख से आँसू न बहे
इश्क़ की ऐसी रिवायात ने दिल तोड़ दिया
वो मिरे हैं मुझे मिल जाएँगे आ जाएँगे
ऐसे बेकार ख़यालात ने दिल तोड़ दिया
आप को प्यार है मुझ से कि नहीं है मुझ से
जाने क्यूँ ऐसे सवालात ने दिल तोड़ दिया
- सुदर्शन फ़ाकिर
उम्दा ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंउम्दा ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंशानदार👌
जवाब देंहटाएंबेहद उम्दा ग़ज़ल.
जवाब देंहटाएंनाज़ुक एहसासों से भरी उम्दा ग़ज़ल।
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