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14...बेताल पच्चीसी....चोर क्यों रोया
चोर क्यों रोया और फिर क्यों हँसते-हँसते मर गया?” अयोध्या नगरी में वीरकेतु नाम का राजा राज करता था। उसके राज्य में रत्नदत्त नाम का एक सा...

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चोर क्यों रोया और फिर क्यों हँसते-हँसते मर गया?” अयोध्या नगरी में वीरकेतु नाम का राजा राज करता था। उसके राज्य में रत्नदत्त नाम का एक सा...
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कहीं तेज़ तर्रार ज़िंदगी। कहीं फूल का हार ज़िंदगी॥ कहीं बर्फ़ -सी ठंडक रखे। कहीं सुर्ख़ अंगार ज़िंदगी॥ कहीं माथे क...
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हार जाती हूँ , टूट जाती हूँ, रूठ जाती हूँ खुद से, जब समझ नहीं आता, किस्मत क्या चाहती है मुझसे, मिटती है उम्मीदे, टूटते है सप...
जा रहे चाँद पे, सितारों पे
जवाब देंहटाएंदिल से दिल तक चला नहीं जाता।
बेमिसाल। वाह जिन्दावाद विनीता जी।
वाह !
जवाब देंहटाएंख़ूबसूरत अभिव्यक्ति।
बहुत सुन्दर रचना ,आभार "एकलव्य"
जवाब देंहटाएंवाह!लाज़वाब
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