तेरे मधुर गीतों के सहारे
बीते हैं दिन रैन हमारे
तेरी अगर आवाज़ न होती
बुझ जाती जीवन की ज्योति
तेरे सच्चे सुर हैं ऐसे
जैसे सूरज-चाँद-सितारे
क्या क्या तूने गीत हैं गाये
सुर जब लागे मन झुक जाए
तुमको सुनकर जी उठते हैं
हम जैसे दुःख-दर्द के मारे
मीरा तुझमें आन बसी है
अंग वही है रंग वही है
जग में तेरे दास हैं इतने
जितने हैं आकाश में तारे
तेरे मधुर गीतों के सहारे
बीते हैं दिन रैन हमारे
वाह्ह्ह...वाह्ह्ह...।शानदार👌
जवाब देंहटाएंथैंक्स दीबू
जवाब देंहटाएंहम भूल गए थे..
आभार...
थैंक्स दीबू
जवाब देंहटाएंहम भूल गए थे..
आभार...
वाह..
जवाब देंहटाएंसादर
जवाब देंहटाएंमीरा तुझमें आन बसी है
अंग वही है रंग वही है
जग में तेरे दास हैं इतने
जितने हैं आकाश में तारे
तेरे मधुर गीतों के सहारे
बीते हैं दिन रैन हमारे....
दिल में उतर जाने वाली यह पंक्तियाँ लाजवाब है।
वाह!!
जवाब देंहटाएंसुन्दर।
जवाब देंहटाएंBehad khoobsurat andaj aur sunder prastuti....waah
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएं