ना हंसी के लिए ना ख़ुशी के लिए,
मै तो तरसी हूँ दो गज जमीं के लिए....
आज आँखों से बरसे जो आंसू तेरे,
दर्द दुनिया में सब को दिखाने लगे,
दर्द की इन्तेहाँ तुमने देखी कहाँ,
जो अभी से सभी को सुनाने लगे,
ना हंसी के लिए ना ख़ुशी के लिए,
मै तो तरसी हूँ दो गज जमीं के लिए....
तुम जफायें करो हम वफायें करे,
जेब देता नहीं है सनम प्यार में,
उम्र भर राह हम तेरी तकते रहे,
जान लेलोगे तुम प्यार ही प्यार में,
ना हंसी के लिए ना ख़ुशी के लिए,
मै तो तरसी हूँ दो गज जमीं के लिए....
हमने तुमको भुलाने की कोशिश जो की,
नींद अपनी सनम क्यों उड़ाने लगे,
भूल जाते हो अपनी खताओं को क्यों,
जो खतायें हमारी गिनाने लगे,
ना हंसी के लिए ना ख़ुशी के लिए,
मै तो तरसी हूँ दो गज जमीं के लिए....
चैन लूटा मेरा, ख्वाब लुटे मेरे,
लूट कर हमसे नजरे चुराने लगे,
हमने नजरे हटाई जो तुमसे सनम,
बेवफाई की तोहमत लगाने लगे,
ना हंसी के लिए ना ख़ुशी के लिए,
मै तो तरसी हूँ दो गज जमीं के लिए....
आज आँखों से बरसे जो आंसू तेरे,
जवाब देंहटाएंदर्द दुनिया में सब को दिखाने लगे,
दर्द की इन्तेहाँ तुमने देखी कहाँ,
जो अभी से सभी को सुनाने लगे..
बहुत बहुत शानदार। बहुत दिलकश नीतू जी। wahhhh
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (21-10-2017) को
जवाब देंहटाएं"भाईदूज के अवसर पर" (चर्चा अंक 2764)
पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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दीपावली से जुड़े पंच पर्वों की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
thanks
हटाएंवाह्ह्ह....लाज़वाब,बेहद शानदार रचना आपकी नीतू जी।
जवाब देंहटाएं👌👌
bahot bahot abhar....aap ko pasand aai to badhiya hi hogi
हटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंbahot bahot abhar
हटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 22 अक्टूबर 2017 को लिंक की गई है.................. http://halchalwith5links.blogspot.com पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआभार
हटाएंवाह ! ,बेजोड़ पंक्तियाँ ,सुन्दर अभिव्यक्ति ,आभार।
जवाब देंहटाएंअति आभार
हटाएंअति आभार
जवाब देंहटाएंअच्छा लिखा है आपने ।
जवाब देंहटाएंअति आभार
हटाएंप्रेम ओर विरह की सच्ची अनुभूति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
बधाई
bahut sundar rachna !
जवाब देंहटाएंहिन्दीकुंज,हिंदी वेबसाइट/लिटरेरी वेब पत्रिका