पलाश का मौसम अब आने को है
जब खिलने लगे पलाश
संजो लेना
आंखों मे
सजा रखना हृदय तल मे
फिर सूरज कभी ना डूबने देना
चाहतों के पलाश
बस यूं ही खिले खिले रखना
हरे रहेगें अरमानों के जंगल
प्रेम के हरे रहने तक।
-कुसुम कोठारी
चोर क्यों रोया और फिर क्यों हँसते-हँसते मर गया?” अयोध्या नगरी में वीरकेतु नाम का राजा राज करता था। उसके राज्य में रत्नदत्त नाम का एक सा...
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जवाब देंहटाएंबसंत पंचमी के आगमन और प्रेम के मनुहार का यह मौसम सुहावना होता है
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
हार्दिक शुभकामनाएं
सादर