हेलो मैडम, अचानक आगे हाथ बढ़ाते हुए बॉस ने स्वागत किया। आफिस का पहला दिन था सभी ने गर्मजोशी से काम की जिम्मेदारी और रूल्स समझाए।
न्यूकमर थी,........... इसलिए सभी सीनियर कुछ न कुछ काम बताने के लिए मेरे पी सी पर आ जाते। शुरुआत में यह सब अच्छा लगा। सोचा इन सब के अनुभव से काम में परफेक्शन आ जाएगा। पर यह क्या सीट पर आते ही बालों में हाथ घुमा देते और कभी-कभार हंसी मजाक में गाल को भी टच कर देते। यह सब हैरान और अचंभित करने वाला था।
कहने को तो मैं तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग के लोगों के
साथ काम कर रही थी। लेकिन यह स्पर्श उनकी
ओछी मानसिकता को उजागर करता है।
साथ काम कर रही थी। लेकिन यह स्पर्श उनकी
ओछी मानसिकता को उजागर करता है।
-आरती चित्तौड़ा
बहुत खूब लिखा
जवाब देंहटाएंबेदाग दिखनेवाले कितने दागदार हैं यह तो देखकर बताना मुश्किल है।
कटु सत्य ...👌👌👌👌
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (08-09-2018) को "मँहगाई पर कोई नहीं लगाम" (चर्चा अंक-3088) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेई जी को नमन और श्रद्धांजलि।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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जवाब देंहटाएंवाह
जवाब देंहटाएंकितने कम शब्दो में कितनी गहरी बात रख दी आपने।
saty likha aajkal aisi mansikta se manaw ka patan ho raha hai
जवाब देंहटाएंये ओछी मानसिकता ही नहीं नीयत का भी परिचायक पहले हाथ पकड़ो फिर पौंछा ,स्पर्श एक तरह का माइक टेस्टिंग हैं लिटमस पेपर टेस्ट है औरत को एक जिंस एक उप-भोग्या सामग्री समझना है। अच्छे और घटिया स्पर्श का अर्थ तो आजकल छोटा बच्चा भी समझता है।
जवाब देंहटाएंkabirakhadabazarmein.blogspot.com
veeruji05.blogspot.com
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veerujiaalami.blogspot.com