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शनिवार, 24 फ़रवरी 2018

आँसू बोलते हैं....संजीव कुमार बब्बर

आँसू बोलते हैं ये जाना 
आँसुओं को तेरे देख कर
जब......

लब को तूने दबा लिया
साँसों को तूने थाम लिया
आँखों को तूने झुका लिया
तब......

आँखों से आँसू बहने लगे
उन पर तेरा वश न चला
ये आँसू सब कुछ कहने लगे
-संजीव कुमार बब्बर

1 टिप्पणी:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (25-02-2018) को "आदमी कब बनोगे" (चर्चा अंक-2892) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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